Monday, October 14, 2019

संकटनाशक विष्णु स्तोत्र।

भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का संकट नाशक विष्णु स्त्रोत 

जगत के पालनकर्ता और त्रिदेवों में से एक श्री हरि भगवान विष्णु के संकष्टनाशन विष्णुस्तोत्र का पाठ करने से कष्ट से मुक्ति मिलती है, पुरषार्थ की प्राप्ति होती है और मनोकामनाऐ पूर्ण होती है।


॥ संकष्टनाशन विष्णुस्तोत्रम् ॥

श्रीगणेशाय नमः ॥
नारद उवाच।
पुनर्दैत्यं समायान्तं दृष्ट्वा देवाः सवासवाः ।
भयप्रकंपिताः सर्वे विष्णुं स्तोतुं प्रचक्रमुः ॥ १॥
देवा उवाच।
नमो मत्स्यकूर्मादिनानास्वरूपैः सदा भक्तकार्योद्यतायार्तिहन्त्रे ।
विधात्रादि सर्गस्थितिध्वंसकर्त्रे गदाशंखपद्मारिहस्ताय तेऽस्तु ॥ २॥

रमावल्लभायाऽसुराणां निहन्त्रे भुजंगारियानाय पीताम्बराय ।
मखादिक्रियापाककर्त्रे विकर्त्रे शरण्याय तस्मै नताः स्मो नताः स्मः ॥ ३॥

नमो दैत्यसन्तापितामर्त्यदुःखाचलध्वंसदंभोलये विष्णवे ते ।
भुजंगेशतल्पेशयानायाऽर्कचन्द्रद्विनेत्राय तस्मै नताः स्मो नताः स्मः ॥ ४॥

संकष्टनाशनं नाम स्तोत्रमेतत्पठेन्नरः ।
स कदाचिन्न संकष्टैः पीड्यते कृपया हरेः ॥ ५॥

॥ इति पद्मपुराणे नारदसंवादे सङ्कष्टनाशनं नाम विष्णुस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

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