Thursday, October 17, 2019

षोडशोपचार, दशोपचार और पंचोपचार मंत्र

षोडशोपचार, दशोपचार और पंचोपचार द्वारा पूजन कैसे करे। सात्विक पूजन विधि।

सात्विक पूजन हेतु वैदिक एवं पौराणिक पूजा पद्धति का ज्ञान होना आवश्यक है इसी क्रम मे षोडशोपचार, दशोपचार (विष्णु पूजन हेतु) एवं पंचोपचार पूजन विधि भी शामिल है। जिसका यहा वर्णन किया जा रहा है।
घर के मंदिर में आसन के उपर देवी-देवता की प्रतिमा अथवा फोटो को विधि पुर्वक स्थापित करे और देवी-देवता का ध्यान उनके ध्यान मंत्रों के उच्चारण द्वारा करने के उपरान्त निम्न मंत्र से ध्यान को समर्पित करें।

"ॐ भूर्भुवः स्वः अमुकदेवताभ्यो नमः ध्यानं समर्पयामि।"
अमुक के स्थान पर ध्यान मंत्र द्वारा पूजे जाने वाले देवी-देवता के नाम का उच्चारण करें।
इसके उपरान्त षोडशोपचार मंत्रों के उच्चारण से देवी-देवता का पूजन करें, षोडशोपचार के अलावा दशोपचार और पंचोपचार से भी देवपूजन किया जा सकता है।

1. आवाहनम्
"ॐ आगच्छागच्छ देवेश त्रैलोक्यतिमिरापहो। क्रियमाणां मया पूजां गृहाण सुरसत्तम। आवाहयामि स्थापयामि पूजयामि।"


2. आसनम्

"ॐ रम्यं सुशोभनं दिव्यं सर्वसौख्यकरं शुभम्। आसनञ्‍‍च मया दत्त गृहाण परमेश्वर। आसनं समर्पयामि।"
पुष्पं समर्पित करें।

3. पाद्यम्
"ॐ उष्णोदकं निर्मलञ्‍‍च सर्वसौगन्ध्यसंयुतम्। पादप्रक्षालनार्थाय दत्तं ते प्रतिगृह्यताम्। पाद्यं समर्पयामि।"
इसके उपरांत आचमनी से चरणों को धोने के लिए जलं समर्पित करें।

4. अर्ध्यम्
"ॐ अर्घ्यं गृहाण देवेश गन्धपुष्पाक्षतैः सह। करुणां कुरु मे देव गृहाणायं नमोऽस्तुते।"
गन्ध पुष्प अक्षत युतं जलं तीन बार समर्पित करें।

5. आचमनीयम्
"ॐ सर्वतीर्थसमायुक्तं सुगन्धिनिर्मलं जलम्। आचम्यतां मया दत्तं गृहाण परमेश्वर। आचमनीयं समर्पयामि।
आचमनी से आचमन के लिये जल समर्पित करें।

6. स्नानम्
"ॐ गंगा सरस्वतीरेवा पयोष्णीनर्मदाजलैः। स्नापितोऽसि मया देव ह्यतः शान्तिं प्रयच्छ मे।"
आचमनी से स्नान के लिये जल समर्पित करें।

7. यज्ञोपवीतम्
"ॐ नवभिस्तन्तुभिर्युक्तं त्रिगुणं देवतामयम्। उपवीतं मया दत्तं गृहाण परमेश्वर। यज्ञोपवीतं समर्पयामि।"
दो बार आचमन करें।

8. वस्त्रम्
"ॐ सर्वभूषाधिके सौम्ये लोकलज्जानिवारणे। मयोपपादिते तुभ्यं वाससी प्रतिगृह्यताम्। वस्त्रोपवस्त्रं समर्पयामि।"
आचमन करें।

9. अक्षताः
"ॐ अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ। कुङकुमाक्ता सुशोभिताः। मया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वर। अक्षतान् समर्पयामि"
अक्षत समर्पित करें।

10. पुष्पाणि
"ॐ मल्लिकादिसुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो। मयानीतानि पुष्पाणि पूजार्थं प्रतिगृह्यताम्। पुष्पाणि समर्पयामि।"
पुष्प समर्पित करें।

11. धूपम्
"ॐ वनस्पतिरसोद् भूतो गन्धाढ्यो गन्ध उत्तमः। आघ्रेयः सर्वदेवानां धूपोऽयं प्रतिगृह्यताम्। धूपमाघ्रापयामि।"
धूप जलाकर समर्पित करें।

12. दीपम्
"ॐ चन्द्रमा मनसो जातश्चक्षोः सूर्योऽअजायत। श्रोत्राद् वायुश्च प्राणश्च मुखादग्निरजायत।"
दीपक जलाकर समर्पित करें।

13. नैवेध्यम्
"ॐ शर्कराखण्डखाद्यादिदधिक्षीरघृतादिभिः। आहारैर्भक्ष्यभोज्यैश्च नैवेद्यं प्रतिगृह्यताम्। नैवेद्यं निवेदयामि।"
नैवेद्यं समर्पित करें।


"ॐ प्राणाय स्वाहा। ॐ आपानाय स्वाहा। ॐ व्यानाय स्वाहा। ॐ उदानाय स्वाहा। ॐ समानाय स्वाहा।
प्रत्येक स्वाहा के बाद आचमनी जल समर्पित करें।

14. दक्षिणा
"ॐ न्यूनारिक्तपूजायां सम्पूर्णफलप्राप्तये। दक्षिणां कांचनीं देव! स्थापयामि तवाग्रतः दक्षिणाद्रव्यं समर्पयामि।"
दक्षिणा समर्पित करें।

15. पुष्पांजलि
"ॐ यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवास्तानि धर्माणि प्रथमान्यासन्। तेह नाकं महिमानः सचन्त यत्र पूर्वे सा्या सन्ति देवाः।"
"ॐ नानासुगन्धपुष्पाणि यथा कालोद्भवानि च। पुष्पांजलिर्मया दत्ता गृहाण परमेश्वर।"
पुष्पांजलि समर्पित करें।

16. प्रदक्षिणा
"ॐ यानि कानि च पापानि ज्ञाताज्ञातकृतानि च। तानि सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्षिणायाः पदे पदे"
प्रदक्षिणां करें।

दशोपचार
1. पाद्य 2. अर्घ्य 3. आचमन 4. स्नान 5. वस्त्र 6. गंध 7. पुष्प 8. धूप 9. दीप 10. नैवेद्य


पंचोपचार
1. गन्ध 2. पुष्प 3. धूप 4. दीप 5. नैवेद्य

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